बरसात आई तो याद तुम्हारी आई,
सावन की भीगी फिज़ा में तन्हाई छाई।

सावन की बूँदें जैसे दिल को सुकून दें,
हर बूँद में बस तेरा ही नाम सुनाई दे।

सावन में भीग जाए मन,
हर धड़कन बोले “हर हर शंकर”।

इस सावन में कुछ तो खास होगा,
या तो तेरा प्यार मिलेगा या फिर तेरी यादों का एहसास होगा।

सावन का झूला, तेरा नाम,
हर फुहार में लगे तेरा पैगाम।

भोले का महीना आया है,
हर दिल शिवमय छाया है।

हरियाली सी छा गई है दिल में,
लगता है सावन आया है फिर से सिलसिले में।

तेरे बिना ये सावन अधूरा लगता है,
हर बादल तेरा चेहरा बनके बरसता है।

सावन की बूंदों में छुपा है दर्द पुराना,
तेरे बिना भीगता हूँ, लेकिन सुखा है दिल का तहखाना।

भोले की भक्ति में भीगता है हर मन,
सावन लाया है शिव का मधुर स्पंदन।

झूले पड़े हैं पीपल की डाल पर,
दिल झूल रहा है तेरी यादों की चाल पर।

सावन की रिमझिम में जब जब तू याद आता है,
दिल भी बादलों सा गरज जाता है।

ओ सावन! तुझसे कहना है,
जो भीग न पाया इश्क़ में, उसे थोड़ा भिगा देना।

फुहारें आईं हैं ताजगी लिए,
शिव के नाम में भीग जाए ये जीवन लिए।

सावन के गीतों में जो मिठास है,
वो बस तेरी बातों का अहसास है।

राधा भी तरसी थी सावन में कान्हा के लिए,
कुछ यूं ही हाल है आज हमारा भी तेरे लिए।

इस सावन में शिव के दर पे जाना है,
हर दुःख को जल में बहाना है।

बरसात तो बहार लाती है,
पर तन्हाई भी साथ लाती है।

सावन की रातें और तेरी यादें,
दोनों ही दिल को भिगो देती हैं।

जितनी बूँदें गिरें इस सावन में,
उतनी बार तुझे माँगा है हमने मन में।

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