ज़िन्दगी में कुछ ऐसे दर्द है जो जीने नहीं देते और कुछ ऐसे फ़र्ज़ है जो मरने नहीं देते
हिफ़ाज़त दुश्मनो से तो कर लेते कोई अपना दुस्मनी पे उतर गया है मेरे हक़ में जो दलीले थी वो फ़िज़ूल है अब मेरा गावा गवाही देने से मुकर गया है